हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
मुझे हिन्दी से प्रेम है और अँग्रेज़ी से नफ़रत है, इसके कई कारण है.
सर्वप्रथम तो यह के अँग्रेज़ी मेरा नाम ही नही लिख सकते.
बचपन से ही मुझे ण को न लिखते आना पड़ रहा है.
बचपन मे जब प्रयायवाची शब्द पड़ते हुए मेरा नाम कुशल के सामने आता था तब ये समझ नही आता था के हिन्दी मे निपुण है तो अँग्रेज़ी मे निपुन क्यूँ.
दूसरा कारण ये (देखा आप कारण भी अँग्रेज़ी मे नहीं लिख बोल सकते) के मैं जब पैदा हुआ और 1-2 साल मे बोलने लगा तो मैने जो पहले शब्द मुख से निकाले वो हिन्दी मे ही थे. तो हिन्दी मेरी मातृभाषा है.
तीसरा कारण ये के ये मेरी अपनी भाषा है, मेरे पिताजी भी यही बोलते है, मेरे दादाजी भी यही बोलते थे.
अच्छा एक बताओ, बचपन मे जब कभी लड़ाई होती थी आपके और दूसरे गुट के बीच, तो अपने गुट के दोस्तों का साथ देते थे या दूसरो का.
तो फिर, जब अँग्रेज़ी और हिन्दी के बीच की लड़ाई है तो दूसरो का साथ कैसे दे रहे हो.
अच्छा अब आप कहेंगे साहब इस वैश्वीकरण के दौर मे हम अँग्रेज़ी से मुँह मोड़ लेंगे तो जीवनयापन कैसे होगा.
तो मेरा तर्क ये है के अंग्रज़ी बोलते रहो और हिन्दी से जुड़े रहो.
जब अँग्रेज़ी बोलने वाले लोग अपनी भाषा को विश्व की भाषा बना सकते है तो हम क्यूँ नही.
हम क्यूँ नही मेहनत करते अपनी भाषा को विश्व की भाषा बनाने के लिए.
सभी ने माना है के हिन्दी विश्व की सर्वश्रेष्ठा भाषाओ मे एक है.
क्यूंकी हिन्दी मे आप निपुण लिख सकते है अँग्रेज़ी मे नही.
अच्छा एक और, अँग्रेज़ी मे त है ही नही. अँग्रेज़ी वर्णमाला का कोई वर्ण त से शुरू ही नही होता.
अब ये अपमान हम कैसे सहे.
क्यूंकी हिन्दी बोलने वाले जानते है के हम चाहे गुस्से मे हो चाहे उल्लास मे, हम जब तक तेरी ___ की ___ नही बोलते तब तक हमे सुकून नही मिलता है.
मैं इतनी तरफ़दारी कर रहा हूँ हिन्दी की फिर भी मैने एक अँग्रेज़ी माध्यम के विद्यालय मे 14 साल तक पढ़ाई की.
क्यूंकी मैं जब 1990 मे पैदा हुआ तब उदारीकरण और वैश्वीकरण नयी नयी समस्याएँ आई थी.
तो मेरे पिताजी को लगा के कहीं मेरा लड़का दुनिया की भागदौड़ मे पीछे ना रह जाए इसलिए उन्होने शहर के सबसे बेहतरीन विद्यालय मे मेरा दाखिला करा दिया.
पर कोई बात नही, अगर मैं अँग्रेज़ी ना पढ़ता तो मुझे
पता कैसे चलता के हिन्दी बेहतर है या अँग्रेज़ी.
अब मेरी समझ मे तो आ गयी है, देखते है आप कितना समझ पाते है. तो गुड मॉर्निंग की जगह नमस्ते सुप्रभात बोलिए,
गुड नाइट की जगह शुभ रात्रि, और दिखाइए हिन्दी भाषा को के वो सिर्फ़ एक भाषा नही है, वो हमारी मातृभाषा है.
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
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