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Wednesday, August 14, 2013

Mujhpe karam sarkar tera

मुझपे करम सरकार तेरा
बिजली महंगी, प्याज़ महंगा, सब कुछ महंगा
जीना और मरना महंगा
सब कुछ है यहाँ महंगा, है यहाँ महंगा


एक दारू बोतल और इक चिकन
नहीं चला पाते पाँच साल किचन
तुझको वोट था दिया, अपनी ग़लती मैं समझ गया


तूने मुझको सताया, पग पग है रुलाया
मैं तो जग को ना भाया, तूने भी वापिस भगाया
जब भी तुझसे मिलने आया
मुझको उल्लू है बनाया, अर्थशास्त्र का पाठ पढ़ाया
अनाज गोदामों मे सड़ाया, मुझको कुछ भी समझ ना आया
मुझको कुछ भी समझ ना आया


मैं बेवकूफ़ नही हूँ, बेवकूफ़ नही हूँ, बेवकूफ़ नही हूँ, बेवकूफ़ नही
मैं बेवकूफ़ नही हूँ, बेवकूफ़ नही, मैं बेवकूफ़ नही हूँ


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