कवि का हौंसला बढाने के लिए फेसबुक का यह पृष्ठ पसंद करें

Thursday, November 15, 2012

Amitabh Bachchan - सच



अमिताभ बच्चन जैसा होना चाहिये इंसान को, सब से बना के रखने वाला, कांग्रेस को भी अपने जन्मदिन पर बुलाता है, अमर सिंघ से भी जेल मे मिलने जाता है, मुकेश अंबानी की दावतों मे भी शरीक होता है, विलास राव देशमुख गुज़रते है तो शोक व्यक्त करते है, ठाकरे बीमार होते है तो उनसे भी उनके घर तक मिलने जाता है और चोट भी खाता है। दीवार, खाकी, लक्ष्य जैसी पिक्चर बनाता है ताकि लोगों मे थोड़ी देशभक्ति जागे। अपनी हर पिक्चर के बाद जनता का धन्यवाद भी करता है।
पर वही जनता जब अपनी परेशानी को लेकर सड़कों पर आती है, तब ये साहब कुछ भी नही बोलते, कोई मंत्री घोटाला करता है तो इनका ट्विटर का पंछी हवा मे उड़ जाता है, लोग भूखे बैठते है तब ये पोते पोतियाँ खिला रहे होते है, अरे ये सच्ची मे बहुत बड़ा महानायक है भाईओं जो हमारे सामने ही ये सब करता है और हमे कुछ पता नही चलता।



क्यूँ उनका नाम बोफोर्स घोटाले मे भी आता है, क्यूँ वो सिर्फ ऐसे सामाजिक कार्यों मे अपनी उपस्थिति दर्ज कराते है जहाँ से समाज का कुछ खास भला नहीं होने वाल, क्यूँ वो अपने समर्थकों और प्रशंसकों से नही कह्ते की वो भष्टाचार का विरोध करे, क्यूँ वो विदभ्र मे मर रहे किसानो के बारे मे मौन रह्ते है।
मुझे कुछ खास झट्का नही लगेगा अगर कल को अरविंद केजरीवाल के किसी खूलासे मे बड़े बाऊजी का नाम भी आ जाये।
मुझे पता है के मेरी इन बातों किसी को कुछ फर्क नही पड़ेगा पर फिर भी मैं इस महान देश के सभी महान एवं प्रतिष्ठित लोगो से विनती करना चाहूंगा के सिर्फ महान और खास लोगों की बातें छोड़ कर आम लोगों पर भी थोड़ा ध्यान दें और देश की बातें करें।
वैसे दीवार और लक्ष्य दोनो पिक्चरें थी बहुत बढिया।
अगली बार मैं सचिन तेंदुल्कर के बारे मे लिखूंगा।
जय इंसान, जय हिंदस्तान

No comments:

Post a Comment

आपका धन्यवाद