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Monday, October 29, 2012

Rape - बलात्कार

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मेरा आप सभी से विनम्र निवेदन है के कृपया इस लेख को खूब बाँटे, चाहे अपने नाम पे ही सही.

लगता नही के वो समय ज़्यादा दूर है जब इन प्यारी प्यारी 
बच्चीओं जिनके हाथो मे फूल होने चाहिए उनके माँ-बाप द्वारा तलवारे थमा दी जाएँगी और फिर खबरें ये नही आएँगी, कि गुड़गाँव मे एक लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार या भिवानी मे एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म.
फिर खबरें ये आनी शुरू होंगी कि एक महिला के साथ दुष्कर्म की कोशिश करते पाँच नौजवानो ने गँवाई अपनी जान या नाबालिग ने अपनी आबरू के लिए तलवार अपने पिता के रूबरू की.
मज़ा तो तब आएगा जब खबरें ऐसी होंगी के दो औरतों ने मिलके एक लड़के के साथ . . . . .
और फिर मैं देखना चाहूँगा के कौन सी खाप कहती है की लड़को को बुरखा पहन के बाहर निकलना चाहिए, या उनकी इज़्ज़त बचाने के लिए उनकी शादी १५ साल की उम्र मे ही करा देनी चाहिए.
फिर कांग्रेसी नेता ये भी नहीं बोलेंगे के आपसी सहमति से होता है बलात्कार या चोमीन बर्गर खाने की वजह से बढ़ी है बलात्कार की घटनायें.
"अब भी वक़्त है ज़रा संभाल जा ओ दुनिया,
खूनी खेल की बारी आई, तो पीछे हम भी ना होंगे."

Sallu aur Chui mui - सल्लू और छुई मुई



दोस्तों, सल्लू मियाँ के विकलांग घोटाले पर बनाया गया आपका नवीनतम हास्य व्यंग. पढ़िए, देखिए, हँसिए और बांटिए.
आम आम आम आम आम आम आम आम आम आदमी का खून पी जाए वो है सल्लू
विक विक विक विक विक विक विक विक विक विकलांगो का पैसा खाए वो है छुई मुई
अरे ट्रस्ट बनाई के, क़ानून बताई के, लूट लेहो इंडिया को ठेंगा दिखाई के
क़ानून के मंत्री है, भ्रशटों के संतरी है, इनके राज मे देखो प्रजा की ना कोई तंत्री है
आम आम आम आम आम आम आम आम आम आदमी का खून पी जाए वो है सल्लू
विक विक विक विक विक विक विक विक विक विकलांगो का पैसा खाए वो है छुई मुई
सल्लू और छुई मुई, सल्लू और छुई मुई, इन दोनो की जोड़ी भ्रष्ट है, देती दुनिया को ये कष्ट है ओ हो, ओ हो
सल्लू और छुई मुई, सल्लू और छुई मुई, इन दोनो की जोड़ी भ्रष्ट है, देती दुनिया को ये कष्ट है ओ हो, ओ हो

चली रे चली रे, लूटने की है बीमारी, सारे नेताओ को प्यारी यारी, जहाँ भी लूट होगी, कांग्रेस्स भाजपा की भागेदारी
आम आम आम आम आम आम आम आम आम आदमी का खून पी जाए वो है सल्लू
विक विक विक विक विक विक विक विक विक विकलांगो का पैसा खाए वो है छुई मुई

हो लूटने के मज़े बड़े, मज़े बड़े, चम्चे कतारो मे खड़े, देखो खड़े
देखो कहीं विकलांगो को बेच खाए, दोनो यही, अपने घर मे जशन मनाए,
और फिर तो ये तुमपर ही ना केस चलाए, बच के रहना
आम आम आम आम आम आम आम आम आम आदमी का खून पी जाए वो है सल्लू
विक विक विक विक विक विक विक विक विक विकलांगो का पैसा खाए वो है छुई मुई
सल्लू और छुई मुई, सल्लू और छुई मुई, इन दोनो की जोड़ी भ्रष्ट है, देती दुनिया को ये कष्ट है ओ हो, ओ हो
सल्लू और छुई मुई, सल्लू और छुई मुई, इन दोनो की जोड़ी भ्रष्ट है, देती दुनिया को ये कष्ट है ओ हो, ओ हो

हो तुमको गटर का कहें, गटर का कहें, इनकी चोरी पे चुप ना रहे गर तुम चुप ना रहे,
जाने कहा लेके जायें इतना पैसा, दोनो यहाँ, खाते खाते खाते जायें, अब हम इनको अपनी भी औकात बताए, एक का इस्तीफ़ा और दूसरे को जैल कराए, और इन्हे बताए हम क्या है
हम है आम आदमी, हम है आम आदमी, हम जो चाहे कर दिखाएँ, तुम्हे तुम्हारी औकात बतायें, ओ हो, , हो

सौजन्य से : गीत 'बंटी और बबली', पिक्चर 'बंटी और बबली'

Thursday, October 25, 2012

Sheela Bai - शीला बाई

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मैं दिल्ली की मुखिया हूँ, हूँ सबसे बड़ी कसाई, तुमको क्या लगता है मैं, कम करूँगी महंगाई,
बिजली दाम बढ़ाने मैं हूँ आई, हो.. पानी दाम बढ़ाने मैं हूँ आई,
कहते हैं मुझको शीला बाई शीला बाई शीला बाई शीला बाई शीला बाई शीला बाई...

बिजली दाम बढ़ाने मैं हूँ आई, हो पानी दाम बढ़ाने मैं हूँ आई..
कहते हैं मुझको शीला बाई शीला बाई शीला बाई शीला बाई शीला बाई शीला बाई...

समझे क्या हो नादनो, मुझको भोली ना जानो, मैं हूँ दिल्ली की रानी, तुम नहीं दूँगी मैं पानी,
तुमसे मैं रोटी छीनु, तुम्हारे घर की ज्योति छीनु, तुमको मैं राज़ बता दू, हर घर मे आग लगा दूं,
आग लगा दूं हाँ हाँ लगा दूं आग लगा दूं,
लोगों जो तुमको रोटी मिल पाई, जनता जो तुमको रोटी मिल पाई,
कहते हैं मुझको शीला बाई शीला बाई शीला बाई शीला बाई शीला बाई शीला बाई...

बिजली दाम बढ़ाने मैं हूँ आई, हो पानी दाम बढ़ाने मैं हूँ आई..
कहते हैं मुझको शीला बाई शीला बाई शीला बाई शीला बाई शीला बाई शीला बाई...

फिर जनता भी जवाब देती है..
अब आ गये है चुनाव, अब खेलेगी जनता दाव, जनता के हाथो मे ताक़त, अरविंद है तेरी आफ़त,


उसको ही जिताएँगे, तुझको हम बतलाएँगे, जनता जब मारे फटके, जाए ना कोई बचके,
ओ हो बचके हाँ हाँ जी बचके ओ हो बचके..
बिजली दाम बढ़ाने ना तू है आई, हो पानी दाम बढ़ाने ना तू है आई..
अब कहेंगे तुझको शीला bye शीला bye शीला bye शीला bye शीला bye शीला bye…

सौजन्य से : गीत 'हवा हवाई', पिक्चर 'मिसटर इंडिया'

Thursday, October 11, 2012

S&P threat to downgrade India's rating - भारत की साख पर फिर सवाल, S&P घटा सकती है रेटिंग

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एक दुकान मे एक दुकानदार होता है और पाँच नौकर होते है.
दुकानदार जिसका नाम जिन्तुजान, बहुत ही नेक दिल, शरीफ पर होशियार होता है.
नौकरों का एक नेता होता है, अक्तिका, बड़ा ही चापलुस, बिल्कुल गैर वफ़ादार, कभी मौका मिले तो मलिक को दुकान से बाहर करके खुद उस दुकान पर अपना क़ब्ज़ा करले.
बहुत साल बीत जाते है, कई नौकर आते है, मालिक के साथ मिल के तरक्की करते है और चले जाते है, पर अक्तिका वहीं का वहीं रहता है. अब एक समय ऐसा आता है के मालिक के घर मे कुछ दिक्कतें आनी शुरू हो जाती है, कभी मालिक की बीवी कहती है के अक्तिका को हद से ज़्यादा सर पे मत चढ़ाओ, कभी मालिक का बेटा कहता है के मेरे साथ आप सौतेला व्यवहार करते हो, कभी मालिक का भाई कहता है के ग्राहको को हद से ज़्यादा ना लूटो, उन्हे ठीक से माल दो. 
इस सब की भनक अक्तिका को लग जाती है, और वो इस मौके को भुनाना शुरू कर देता है. कभी तो कहे के मेरे भाई भतीजे को ही अपनी दुकान मे नौकर रखो, कभी दूसरे आने वाले नौकरो को बताए, के यह मालिक अच्छा नही है, तनख़्वाह नही देता, कभी मालिक की बीवी को समझाए के वो अच्छा है. और इस तरीके से सबको अपने वश मे करके एक दिन दुकान पर पाँचो नौकर उसी के घर परिवार के और मालिक को लात मार के दुकान-ओ-घर से बाहर कर दिया. और मालिक बेचारा सोचता रहा के काश, बीवी की सुन लेता, काश भाई की सुन लेता.
जिन्तुजान यहाँ पर हिन्दुस्तानी सरकार को जताते है, अक्तिका यहाँ पर अमरीकन सरकार को जताता है, बीवी सरकार के विरोधियों को, बेटा राज्य सरकारों को और भाई समाज सेविओ को.

एक अमरीकी कंपनी भारत की सरकार को कहती है के अगर तुमने हमे अपने देश नही बेचा तो हम तुम्हारी रेटिंग गिरा देंगे और फिर तुम्हारे देश मे कोई नही आएगा.

अरे इन नालयकों को समझाओ के हमारे देश को खरीदने का दम एक अमरीका मे तो क्या, १० अमरीको मे भी नही है.
हम नही चाहते तुम यहाँ आके धंधा करो, तुम चाहते हो यहाँ आके धंधा करना, कभी हिलरी क्लिंटन को भेजते हो, कभी ओबामा को भेजते हो, कभी S&P को भेजते हो.
पर तुम्हे क्या लगता है, तुम यूँ हमारे बेबस मौन नेता पे दबाव बना के, इटली वालों को हमारे यहाँ भेज के, हमे खरीद लोगे.
जब तक इस देश मे अरविंद केजरीवाल, कुमार विश्वास और रामदेव जैसे देशभक्त लोग है, तब तक तुम्हारा ये सपना हम कभी पूरा ना होने देंगे.
जय इंसान
जय हिन्दुस्तान

Kis kis ka virodh karun main : इसपर करो उसका विरोध, उसपर करो इसका विरोध


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इसपर करो उसका विरोध, उसपर करो इसका विरोध
अब क्या करूँ, चुप भी तो नही बैठ सकता क्यूंकी चुप हो गया तो ये लोग मुझे भी बेच के खा जाएँगे, और फिर तो मैं विरोध करने लायक भी नही बचूँगा.
डी. ल. एफ. को ज़मीन की बंदर बाँट मे हरियाणा की खांग्रेस्स हुड्डा सरकार का विरोध करो
विकलांगो की ट्रस्ट की डोनेशन को खा जाने पे खुर्शीदों का विरोध करो
कोयला बाँटने पे देश के सरदार का विरोध करो
देश भर मे महंगाई बढ़ रही है तो केंद्र सरकार का विरोध करो
15 साल मे लड़की की शादी के फ़ैसले पर हरियाणा के खाप और पूर्व मुख्य मंत्री का विरोध करो
रीटेल मे एफ. डी. आइ. का विरोध करो
दिल्ली मे बिजली और पानी के रेट बढ़ा दिए तो शीला का विरोध करो

देश के समस्याओं से निकलो तो बाहर कौन सी कम है
पाकिस्तान और आफ्गानिस्तान मे तालिबनिओन का विरोध करो
अमेरिका मे वालमार्ट का विरोध करो
लंडन मे डो जोन्स का विरोध करो
क्या ये लोग अपने सब कामो को सही सही तरीके से नही कर सकते

अब तो घर पे मा रोटी लेके आती है तो लगता है उसका भी विरोध करूँ
पिताजी कुछ सलाह देते है तो लगता है उसका भी विरोध करूँ
दोस्त जन्मदिन मनाने आते है तो लगता है उसका भी विरोध करूँ
बॉस कोई काम बोले तो लगता है उसका भी विरोध करूँ
अब क्या करूँ, चुप भी तो नही बैठ सकता क्यूंकी चुप हो गया तो ये लोग मुझे भी बेच के खा जाएँगे, और फिर तो मैं विरोध करने लायक भी नही बचूँगा. इसलिए मैं तो अपना विरोध जारी रखूँगा.
जय इंसान
जय हिन्दुस्तान

Wednesday, October 3, 2012

Aam Aadmi Geet by Rishabh Nag

ऑडियो के लिए: आम आदमी गीत - MP3
वीडियो के लिए: आम आदमी गीत - Video

आम आदमी गीत - बोल


जब मैं जिधर जाऊँ
दुखड़ा मैं सुनाऊं
अब मैं किधर जाऊँ
किसको क्या बताऊँ
जब मैं जिधर जाऊँ
दुखड़ा मैं सुनाऊं
अब मैं किधर जाऊँ
किसको क्या बताऊँ

बड़ी बेचैनी है
बड़ी परेशानी है
दुखती कहानी है
अपनी ज़बानी है
बड़ी बेचैनी है
बड़ी परेशानी है
दुखती कहानी है
अपनी ज़बानी है

आम आदमी है
परेशान आदमी है
हैरान आदमी है
भाई मेरे
आम आदमी है
परेशान आदमी है
हैरान आदमी है
भाई मेरे

जब मैं जिधर जाऊँ
जब मैं जिधर जाऊँ
दुखड़ा मैं सुनाऊं
दुखड़ा मैं सुनाऊं
अब मैं किधर जाऊँ
किसको क्या बताऊँ

बंदी तो फॅशन है
महंगाई जीवन है
रो रो के दिल
तौबा करे
बिजली ना पानी है
खाना ना राशन है
हम तो भयि ऐसे 
भूखे मरे

कैसी मनमानी है
ये बेईमानी है
सबने ठानी है
दुश्मन जानी है
कैसी मनमानी है
ये बेईमानी है
सबने ठानी है
दुश्मन जानी है

आम आदमी है
परेशान आदमी है
हैरान आदमी है
भाई मेरे
आम आदमी है
परेशान आदमी है
हैरान आदमी है
भाई मेरे

कभी मैं उधर जाऊँ
कभी मैं इधर जाऊँ
अब मैं किधर जाऊँ
किसको क्या बताऊँ

In memories of Pramod Sir
A film by Dhappa Animation & Lets Fly
Directed, Written & Performed by Rishabh Nag
Produced by Dhappa Animation
Story by Nisha Singh
आप कलाकार को अपना आभार व्यक्त कर सकते है : rishabhnag2007@gmail.com